Lucky plants: शमी का पौधा अपने आस-पास की नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करता है और सकारात्मकता और शुभता का संचार करता है। इसलिए, शमी को घर में लगाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। धार्मिक दृष्टि से शमी का पौधा वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भारतीय संस्कृति में शमी को देवताओं का पौधा माना जाता है और इसे पूजा और धार्मिक कार्यक्रमों में इस्तेमाल किया जाता है। शमी के पत्तों को भगवान शिव, शनिदेव, और गणेश जी को चढ़ाने से उनकी कृपा मिलती है और उनकी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

इसके अलावा, शमी का पौधा परंपरागत रूप से पौधों के बीच सबसे पवित्र माना जाता है। इसे अपने घर में लगाने से न केवल आपको धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि इससे आपके घर में शांति, सुख, समृद्धि और सफलता आती है। शमी के पत्तों को अपनी पूजा स्थल की दीवार पर या फिर पूजा के लिए एक थाली में रखा जा सकता है।

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इससे साढ़ेसाती जैसी समस्याओं के साथ-साथ शमी के पौधे का इस्तेमाल किसी भी प्रकार की बुरी नजर, वास्तु दोष और किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।

यहाँ शमी के पौधे के कुछ फायदे हैं:

घर के नकारात्मकता को दूर करता है: शमी के पौधे को घर में लगाने से उस स्थान में नकारात्मकता कम होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।

शनि की दशा में फायदेमंद होता है: शमी के पौधे का विशेष महत्व शनि देवता के लिए होता है। इसलिए, शनि की दशा में इसे लगाने से फायदेमंद हो सकता है।

घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है: शमी के पौधे को घर में लगाने से सकारात्मकता का संचार होता है जो घर में खुशहाली और खुशमिजाजी का वातावरण बनाता है।

स्वास्थ्य को सुधारता है: शमी के पौधे को लगाने से घर की सामान्य स्वास्थ्य सुधर सकती है। यह विशेष रूप से सांस लेने में मदद करता है और वात रोगों को कम करने में मदद करता है.

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शमी पौधे को धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म में शनि देव को उपासनीय देवता माना जाता है और उनकी साढ़ेसाती दुर्भाग्य का कारण माना जाता है। शमी पौधा शनि देव के प्रिय पौधे में से एक है, जिसे अपने घर में लगाने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

शमी के पत्ते को गणेश जी को चढ़ाने से भी शनि दोष का प्रभाव कम होता है। गणेश जी को हिंदू धर्म में सर्वोत्तम विधि से पूजा जाता है और उनकी कृपा से संभव है कि शनि दोष का प्रभाव कम हो सके।

यदि किसी व्यक्ति की साढ़ेसाती चल रही है, तो उन्हें शमी की नियमित पूजा करनी चाहिए। शमी की पूजा के लिए, इसे उपवास के दिनों में लगाया जाता है और इसके पत्तों का उपयोग पूजा के लिए किया जाता है। इससे शनि देव की कृपा मिलती है और साढ़ेसाती के दुर्भाग्य को कम करने में मदद मिलती है।

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