Astro Tips : हमारे देश में कई ऐसी मान्यताएं हैं जिन्हें लोग आज भी अपनाते हैं। यह अपनी संस्कृति और धर्म से जुड़ा हुआ है जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 3 रोटी एक ऐसी मान्यता है जो भारतीय समाज में काफी प्रचलित है।

धर्म और संस्कृति के अनुसार, तीनों वस्तुएं जैसे रोटी, लड्डू और सेब, देवी-देवताओं के तीन उपासना स्थलों के लिए प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं। इसके अलावा, तीन वस्तुओं का उपयोग आमतौर पर धार्मिक उत्सवों में किया जाता है, जो तीन दिवसों तक चलते हैं।

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क्या कहते है ग्रन्थ ?

इस सम्बन्ध में, धर्मग्रंथ उपनिषदों के अनुसार, तीन रोटी का परोसण नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वह दो व्यक्तियों के बीच मतभेद बढ़ाता है और संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, यह धार्मिक अभिप्राय का अनुसरण करता हुआ, समस्त भारत में तीन रोटी परोसना नहीं अच्छा माना जाता है।

इसके अलावा, अन्य कुछ कारणों से भी तीन वस्तुओं को एक साथ नहीं चढ़ाया जाता है।

क्या है मान्यता ?

यह एक मान्यता है जो कि वैदिक संस्कृति से जुड़ी हुई है। इस मान्यता के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में जब किसी मनुष्य का अंतिम संस्कार होता है, तब उसके उपरांत उसकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करना पड़ता है। श्राद्ध के दौरान एक सम्पूर्ण व्यंजन भोजन के रूप में तैयार किया जाता है जिसमें तीन रोटियां होती हैं। इसलिए, जीवित व्यक्ति के भोजन में तीन रोटियां रखने से उसे अशुभ फल हो सकता है।

क्यों है 3 नम्बर अशुभ?

हिंदू धर्म में तीन की संख्या को अशुभ माना जाता है। इसके पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे कि तीन लोगों के बीच विवाद की स्थिति होना, तीन शूलों की स्थिति, या तीनों गुणों (सत्व, रज और तम) की संयुक्त स्थिति होना आदि। इसलिए, हिंदू धर्म में तीन के स्थान पर दो या चार चीजें दी जाती हैं।

आखिर क्या कहता है विज्ञान:

विज्ञानं इस किसी बात पर विश्वास नहीं करता यही नहीं विज्ञान के अनुसार पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी जाती है साथ ही साथ पेट भर खाना खाने की सलाह दी जाती है.

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