Astro Tips: 14 अप्रैल 2023 को वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया का पर्व मनाया जाएगा, जिसे अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन को अक्षय तृतीया के रूप में मनाने के पीछे कई कारण हैं। इस दिन को विशेष बनाने वाले कुछ मुख्य कारणों में से एक है कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा की ग्रहण नहीं होता है। इसलिए इस दिन के फल का माना जाता है कि यह अच्छा फल देने वाला दिन होता है।

इस दिन को भगवान विष्णु और भगवती लक्ष्मी की पूजा करने से अक्षय धन, समृद्धि और सफलता मिलती है। इस दिन के उपवास से भी धन, स्वास्थ्य और लम्बी आयु प्राप्ति होती है। इस दिन के उपवास में गंगाजल से स्नान करना भी बहुत फलदायी माना जाता है।

14 अप्रैल 2023 को कई महत्वपूर्ण त्योहार साथ होंगे और इस दिन की खासियत कुछ इस प्रकार हैं:

मेष संक्रांति: यह दिन सूर्य का मेष राशि में प्रवेश करने का दिन होता है। इसे नववर्ष के रूप में मनाया जाता है और सूर्य देवता की पूजा-अर्चना की जाती है।

बैसाखी: बैसाखी एक भारतीय त्योहार है जो पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे उत्तरी राज्यों में मनाया जाता है। इस दिन किसान अपनी नई फसल का आगमन मनाते हैं और खेती से जुड़ी धार्मिक क्रियाएं करते हैं।बैसाखी 2023 भारत में 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। यह पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन लोग गिद्ध, भांगड़े, बाजे और बंसी वाले संगीत का आनंद लेते हैं। साथ ही बैसाखी का महत्व उन लोगों के लिए भी होता है जो सिख धर्म के अनुयायी हैं। वे इस दिन गुरुद्वारों में जाकर अरदास करते हैं, कीर्तन सुनते हैं और प्रसाद बाँटते हैं। इस त्योहार को मनाने के लिए लोग नए कपड़े पहनते हैं और सजा-सँवारा कर तैयार होते हैं।

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बाबा साहेब आंबेडकर जयंती: बाबा साहेब आंबेडकर एक महान समाजसेवी थे जो भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस दिन उनकी जयंती मनाई जाती है और उन्हें याद करके उनके समर्पण और योगदान को सम्मानित किया जाता है।

बिहू: बिहू एक असमीज त्योहार है जो वर्षा ऋतु के आगमन का स्वागत करता है।बिहू असम का एक प्रसिद्ध त्योहार है जो मुख्य रूप से अप्रैल और मई के महीनों में मनाया जाता है। इसमें तीन भिन्न प्रकार होते हैं – बोहाग बिहू, रोंगाली बिहू और काटिं बिहू। बोहाग बिहू जो अप्रैल में मनाया जाता है, असम में मौसम की पहली फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार में लोग गीत, नृत्य और खाने के साथ-साथ विविध प्रकार के खेल खेलते हैं।

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