वाशिंगटन :(NASA) नासा ने अपने दूसरे मानवयुक्त चंद्र मिशन(Lunar Mission) में एक कदम आगे बढ़ाया है. महत्वाकांक्षी अमेरिकी मिशन ‘आर्टेमिस’ की बदौलत अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चंद्रमा की यात्रा के लिए सबसे शक्तिशाली स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस)(SLS Rocket) रॉकेट बनाया गया है।
फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के इंजीनियरों ने 65 मीटर ऊंचे शरीर के दो हिस्सों को दो छोटे बूस्टर रॉकेट में फिट किया है। इस विशाल रॉकेट के तीन हिस्से सोमवार (14 तारीख) को मोबाइल लॉन्च पैड पर लगाए गए। नासा इस साल एसएलएस की पहली उड़ान भरेगा। इस अभियान को ‘आर्टेमिस-1’ नाम दिया गया है। मिशन एसएलएस के जरिए अत्याधुनिक ओरियन अंतरिक्ष यान को चांद पर भेजेगा।
अंतरिक्ष यात्रियों को पहली उड़ान में नहीं भेजा जाएगा। मानवयुक्त चंद्र मिशन वास्तव में 2023 में होगा, जिसके पहले इंजीनियर रॉकेट और अंतरिक्ष यान का सफल परीक्षण करेंगे। अपोलो 17 अंतरिक्ष यान 1972 में चांद पर उतरा था। तब से अब तक इंसान ‘आर्टेमिस-3’ मिशन से चांद पर फिर से आक्रमण करने के लिए तैयार है।
एसएलएस रॉकेट के विशाल कोर में चार शक्तिशाली प्रणोदक इंजन हैं। इसके दोनों तरफ शक्तिशाली 54 मीटर लंबे रॉकेट बूस्टर हैं। उड़ान के पहले दो मिनट के दौरान, ये दोनों बूस्टर एसएलएस को जमीन से धकेलने के लिए ऊर्जा प्रदान करेंगे। इस रॉकेट का मूल और दोनों रॉकेट बूस्टर अमेरिकी स्वतंत्रता की देवी की मूर्ति से लम्बे (बिना मंच के) हैं।
‘एसएलएस’ के डिटेल्स
वजन 85,276.8 (किलो)
212 फीट ऊंचा