Atiq Ahmed killed : माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या की गयी. अभी २ दिन पहले ही अतीक के बेटे असद का झाँसी में एनकाउंटर हुआ था. और यह खबर काफी सुर्ख़ियों में रही थी और अब अतीक की हत्या कौनसा नया मोड़ लाएगी?
कैसे रचा गया हत्या का षडयंत्र:
अतीक और उसका भाई मिडिया के साथ बातचीत कर रहे थे ऐसे में करीब १० बजे धूमनगंज पुलिस स्टेशन के पास में 3 लड़कों के द्वारा उनके उपर फायरिंग की गयी. इस फायरिंग में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ है, तीनों हत्यारों को पुलिस ने कस्टडी में ले लिया है और उनके हथियार बरामद कर लिए गए है, तीनों हत्यारों कर नाम क्रमश: लवलेश, सनी, और अरुण बताये जा रहे है, दोनों भाइयों के शव को SLN हॉस्पिटल ले जाया गया है.
2 दिन पहले ही हुआ बेटे का एनकाउंटर:
गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम, दोनों उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में वांटेड थे, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गुरुवार (13 अप्रैल) को झांसी में एक मुठभेड़ में मारे गए थे।
2005 के राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की इस साल की शुरुआत में 24 फरवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 2005 में राजू पाल की हत्या के बाद हुई हिंसा की लंबी गाथा में उमेश की हत्या नयी थी। इस कहानी के केंद्र में अतीक अहमद और उनका परिवार है।
अतीक के बेटे को आज ही मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया था.
आखिर क्यों हुई अतीक के और उसके परिवार की गिरफ़्तारी:
2002: राजू पाल ने अतीक अहमद के खिलाफ चुनाव लड़ा
स्थानीय डॉन और व्यवसायी अतीक अहमद पहली बार 1989 में इलाहाबाद पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय विधायक के रूप में चुने गए थे। वह 15 साल तक इस सीट पर रहे, 1996 में समाजवादी पार्टी और फिर 2002 में अपना दल में चले गए।
जबकि अतीक आराम से 2002 में चुनाव जीत गए, उन्हें बसपा के उम्मीदवार राजू पाल ने चुनौती दी, जो उम्मीदों को पार करने में कामयाब रहे।