पश्चिम बंगाल : बिधाननगर में सांसदों व विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत के विशेष न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि शाह का उस दिन सुबह 10 बजे ‘व्यक्ति रूप से या किसी वकील के जरिए’ उपस्थित होना आवश्यक है.
आपको बता दे कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने अमित शाह पर मानहानि का मुकदमे दायर किया था जिसके संबंध में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को समन जारी कर 22 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से या किसी वकील के माध्यम से पेश होने को कहा है.
कब का और क्या है पूरा मामला?
अभिषेक बनर्जी के वकील संजय बसु ने एक प्रेस नोट में दावा किया कि शाह ने 11 अगस्त, 2018 को कोलकाता के मेयो रोड पर भाजपा की रैली में तृणमूल सांसद के खिलाफ कुछ अपमानजनक बयान दिए थे.अदालत ने निर्देश दिया कि व्यक्तिगत रूप से या किसी वकील के माध्यम से शाह की उपस्थिति भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत मानहानि के आरोप का जवाब देने के लिए आवश्यक है.
केस के बाद TMC पर भड़की बीजेपी :
शाह के खिलाफ दर्ज मामले पर कोर्ट के समन के बाद भाजपा के लीगल सेल के सह-संयोजक बृजेश झा ने कहा, “हम कोर्ट के आदेश के कानूनी पक्ष को देख रहे हैं.” दूसरी तरफ भाजपा ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है.पार्टी ने कहा कि यह इस बात का इशारा है कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी शाह के चुनाव प्रचार से ‘‘असहज’’ हो गई है.भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस शाह और भाजपा के अन्य नेताओं को राज्य में चुनाव प्रचार करने से रोकने की कोशिश कर रही है.
कोहली ने आगे कहा,‘‘ यह दर्शाता है कि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व भाजपा और मुख्य रूप से अमित शाह के प्रचार से असहज हो गया है और यही कारण है कि वे उन्हें और भाजपा के अन्य नेताओं को प्रचार करने से रोकने के लिए लगातार भटकाव की रणनीति अपना रहे हैं.’’