पिता के संपत्ति पर कोई कब और कैसे अपना हक जमा सकता है इसकी जानकारी अमूमन सभी लोगों को होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि मां के संपत्ति पर कब और कैसे अपना हक जमा सकते हैं। और मां के संपत्ति पर बेटे, बेटी या पति का हक होता भी है या नहीं? अगर बेटी की शादी हो चुकी है तो क्या वह अपने मां की संपत्ति में हिस्सा ले सकती है?

अगर आपके जेहन में भी ऐसे ही सवालात मौजूद है तो चिंता की कोई बात नहीं है। आज इस आर्टिकल में हम आपको संवैधानिक तरीके से इन सभी सवालों का आपके जवाब देंगे। साथ ही इस आर्टिकल में हम आपको अजीवित मां की संपत्ति में कोई कब और कैसे अपना हक ले सकता है इस चीज के बारे में बताएंगे।

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यह आर्टिकल पूर्णता हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 पर आधारित होने वाला है। इस अधिनियम के तहत मां की संपत्ति को लेकर जो भी जानकारी मौजूद है वह हम आपको बताएंगे।

maa k property m beti ka kitna hissa hota hai

अजीवित महिला की संपत्ति का बंटवारा कैसे होता है?

अगर किसी हिन्दू महिला ने मरने से पहले कोई वसीयत नहीं बनाई है तो उसके संपत्ति का बंटवारा हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत होता है।

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के सेक्शन 15(1) के अनुसार महिला की संपत्ति का बंटवारा सेक्शन 16 के तहत होना चाहिए। वहीं, सेक्शन 16 में महिला की संपत्ति को लेकर कुल 4 नियम बनाए गए हैं।

इस नियम के तहत संपत्ति किस को मिल सकती है?

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के सेक्शन 16 के मुताबिक किसी अजीवित महिला की संपत्ति को उसके पति और उसके बच्चों में बांट दिया जाएगा। बच्चों में उनके बेटे और बेटियां दोनों शामिल हैं। साथ ही इसमें एक और चीज जोड़ा गया है कि महिला के आजीवित बच्चों को भी समान हिस्सा मिलेगा।

वहीं, सेक्शन 16 का दूसरा नियम (a) कहता है कि महिला की संपत्ति पति के उत्तराधिकारी को दे देना चाहिए। तीसरे नियम कहता है कि महिला की संपत्ति को उसके माता-पिता को दे देनी चाहिए। और चौथा नियम कहता है कि महिला के संपत्ति को पिता के उत्तराधिकारी को दे देनी चाहिए। बता दें, सेक्शन 16 के आखरी नियम के तहत महिला की संपत्ति मां के उत्तराधिकारी में बांट देनी चाहिए।

क्या शादीशुदा महिला का उसकी मां के संपत्ति पर अधिकार होगा?

इसको लेकर हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के सेक्शन 16(a) में जो बात कही गई है वही यहां भी लागू होती है। यानी कि महिला के बेटे और बेटियों दोनों में संपत्ति का समान बटवारा होगा। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि महिला के बेटी की शादी हो चुकी है। फिलहाल, शादीशुदा लड़कियों को लेकर कोई अलग नियम नहीं बनाया गया है।

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सुप्रिया राज को मीडिया छेत्र में लगभग दो सालो का अनुभव है। सुप्रिया दैनिक भास्कर में बतौर एंटरटेनमेंट न्यूज़ कंटेंट राइटर के रूप में काम किया है, उसके बाद कई सारे मीडिया हाउस में फ्रीलान्स भी किया...

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