निकिता, नई दिल्ली: भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश के नए प्रदेश मंत्री अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू त्रिपाठी को मंत्री बनाए जाने पर बवाल हो रहा है। क्योंकि छाटू त्रिपाठी के खिलाफ अब तक 16 केस दर्ज हो चुके हैं, उनकी हिस्ट्रीशीट खुल चुकी है। जिस पर उनका दावा है कि इन केसों में से 15 केस में वह बरी हो चुके हैं, लेकिन अभी भी उनके खिलाफ हाईकोर्ट में एक केस चल रहा है।
बता दें की अरविंद राज त्रिपाठी का परिवार शुरु से भाजपाई रहा है। छोटू त्रिपाठी बचपन से ही विद्दार्थी परिषद् से जुड़ गए थे। अब तक उनके परिवार में 3 बार लगातार बीजेपी का परिषद् चुना गया है। एक बार उनकी मां और दो बार से उनके भाई पार्षद हैं, छोटू कानपूर की छात्र राजनीति से जुड़े रहे हैं।
सोमवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा ने छोटू त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री बना दिया। इसके बाद उनके हिस्ट्रीशीटर होने के दावे किये गए, बताया जा रहा है उनके ऊपर कानपूर के थाने में 16 केस दर्ज हैं, जिस पर छाटू का कहना है कि विपक्षी पार्टियों ने उनके ऊपर केस दर्ज कराए थे।
खुद को हिस्ट्रीशीटर कहे जाने पर नए प्रदेश मंत्री का कहना है कि बीएसपी सरकार में स्थानीय बीएसपी प्रत्याशी के हारने के कारण बीएसपी ने मेरी हिस्ट्रीशीट खुलवाई थी, जबकि मैं इस समय 15 केसों से बरी हो चुका हूं, मेरे ऊपर केस सपा-बसपा सरकार की तानाशाही में दर्ज हुए थे।
छोटू त्रिपाठी के हिस्ट्रीशीटर होने की बात अब खुद बीजेपी के अंदर चर्चा का विषय बनी हुई है, भले ही छोटू त्रिपाठी ने अपनी सफाई दे दी हो लेकिन उनके ऊपर अब तक 16 केस दर्ज हो चुके हैं, जो कि अपने आप में एक चर्चा का विषय है। बीजेपी के कुछ लोग पार्टी के बचाव के लिए दबी जुबान से कह रहे हैं कि शायद पार्टी को उनके ऊपर दर्ज केस की जानकारी न हो।
बता दें कि साल 2005 में चकेरी थानाक्षेत्र में छात्र नेता सनी गिल की हत्या के मामले में अरविंद राज त्रिपाठी को आरोपी बनाया गया था। सनी गिल की हत्या केस में अरविंद को सीतापुर सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस हतियाकांड में वह लंबे समय तक जेल में रहा, हालांकि हाईकोर्ट ने बाद में त्रिपाठी को बाइज्जत बरी कर दिया था। अरविंद राज त्रिपाठी की हिस्ट्रीशाट पर कानपूर पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है।